B12

हाथ और पैर में झनझनाहट, हाथ पैर सुन्न पड़ जाना (विटामिन B12 की कमी) के का कारण, लक्षण और रामबाण इलाज

दोस्तों क्या आपको अपने हाथों पैरों में झनझनाहट महसूस होती है? क्या आपको किसी चीज़ को हाथ लगाने पे करंट महसूस होता है? यानी कि जब आप किसी चीज़ को छूते है, क्या आपको एकदम से झटका लगता है या फिर इन सबके अलावा आपके हाथ पैर एकदम से सुन्न हो जाते हैं। यानी कि आपको अपने हाथों पैरों में एकदम से खून का दबाव महसूस होता है या भारीपन महसूस होता है और इन सबके अलावा क्या आपको थकान महसूस होती है? शरीर में दुर्बलता महसूस होती है या फिर आँखों से धुंधला दिखाई देता है या आप बिना किसी कारण वश चिंता या फिर तनाव में रहते हैं?

या आपको बहुत ही ज्यादा पसीना आता है तो दोस्तों इनमें से अगर आपको कोई भी लक्षण है या कोई भी समस्या है तो हो सकता है कि आपके शरीर में विटामिन बी 12 की कमी हो। जी हाँ दोस्तों वेलकम बेक टु मी चैनल आज की विडिओ में मैं आपके सामने लेकर आई हूँ। विटामिन बी 12 की कमी के कारण, लक्षण और उपचार दोस्तों अन्य विटामिन्स की तरह ही विटामिन बी 12 हमारे शरीर के लिए बहुत ही ज्यादा जरूरी है। क्योंकि ये एक ऐसा विटामिन है जिसकी कमी होने पर हमारे शरीर में नर्सों को बहुत ही ज्यादा हानि पहुंचती है और इसकी कमी होने पर हमारे शरीर में न्यूरोलॉजिकल डिसॉर्डर पैदा होते हैं।

दोस्तों आम तौर पर जो लोग वेजिटेरियन होते हैं और शराब का अधिक सेवन करते हैं, उन लोगों में विटामिन बी 12 की कमी पाई जाती है। 200 विटामिन बी 12 हमारे शरीर में न्यूरोलॉजिकल फंक्शन को सुचारू रूप से चलाता है और इसके साथ में ही हमारे शरीर में रेड ब्लड सेल्स का भी निर्माण करता है। तो दोस्तों अगर हम चाहते हैं कि हमारे बॉडी का न्यूरोलॉजिकल फंक्शन बहुत अच्छे तरीके से काम करें, हमारे शरीर की नसें सुचारू रूप से चलें और अपना काम करें तो इसके लिए बहुत ही ज्यादा जरूरी है कि हमारे शरीर में विटामिन बी 12 की कमी बिल्कुल भी

ना हो। आप बात करते है की इसकी कमी को किस प्रकार से पूरा किया जा सकता है तो दोस्तों जैसा कि मैंने आपको बताया कि नॉन वेजिटेरियन की तुलना में वेजिटेरियन्स में वाइटमिन बी 12 की कमी आम तौर पर पाई जाती है और इसी वजह से काफी सारी महिलाएं और पुरुष थकान और शारीरिक दुर्बलता महसूस करते हैं। तो आमतौर पर जो लोग चिकन, मीट सी फूड आइटम्स या फिर अंडों का सेवन रोजाना या फिर आए दिन करते हैं, उनमें विटामिन बी 12 की कमी नहीं पाई जाती है। लेकिन जो लोग शाकाहारी होते हैं

या फिर नॉन वेजिटेरियन फूड आइटम्स का सेवन कभी कबार करते हैं, उनमें आम तौर पर विटामिन बी 12 की कमी पाई जाती है। तो इसका सीधा अर्थ ये हुआ कि अगर आप नॉन वेजिटेरियन है तो आप चिकन, फिश, मीट या फिर सी फूड आइटम्स को खाकर अपने शरीर के वाइटमिन बी 12 की कमी को पूरा कर सकते हैं। लेकिन अब बात आती है की अगर आप वेजिटेरियन है तो आप कौन से खाद्य पदार्थ खाकर विटामिन बी 12 की कमी को पूरा कर सकते हैं। दोस्तों वैसे तो आप किसी भी वाइटमिन की कमी होने पर उसके सप्लिमेंटेशन का प्रयोग कर सकते हैं।

लेकिन किसी भी सप्लिमेंटेशन का प्रयोग बिना डॉक्टर की सलाह के नहीं करना चाहिए। दोस्तों किसी भी सप्लिमेंटेशन का प्रयोग करने से पहले आपको अपना फुल बॉडी चेकअप जरूर करवाना चाहिए ताकि आपको पता चल पाए की आपके बॉडी में किस विटामिन या मिनरल की मात्रा कितनी है और उसके हिसाब से आप डॉक्टर की रिकमेंडेशन के बाद किसी सप्लिमेंटेशन का प्रयोग करना शुरू कर सकते हैं। खासतौर पर अगर आप प्योर वेजिटेरियन है तो आपको डॉक्टर की सलाह के बाद इसके सप्लिमेंटेशन का प्रयोग जरूर करना चाहिए। इसके अलावा 200 कुछ वेजिटेरियन फूड आइटम्स हैं जो की वाइटमिन बी 12 की कमी को पूरा करने में आपकी मदद कर सकते हैं।

जैसे की दूध या दूध से बने हुए पदार्थ यानी की दूध, दही, पनीर। ये सभी विटामिन्स और मिनरल्स के बहुत ही अच्छे स्रोत हैं और इनमें विटामिन बी 12 भी पाया जाता है तो यहाँ पे वेजिटेरियन लोगों के लिए वाइटमिन बी 12 की कमी को पूरा करने के बहुत ही कम ऑप्शन्स अवेलेबल है। तो यहाँ पे ये चीज़ बहुत ही ज्यादा जरूरी हो जाती है की वेजिटेरियन को डॉक्टर से कंसल्ट करने के बाद इसकी सप्लिमेंटेशन की शुरुआत तुरंत कर देनी चाहिए ताकि आपका डॉक्टर आपको सही डोर से जो

रिकमेंड कर पाए और विटामिन बी 12 का सप्लिमेंटेशन जब भी ले तो आपको ये चीज़ ध्यान में रखनी है की आप नैचरल फॉर्म वाला।

वाइटमिन बी 12 का सप्लिमेंटेशन।

ही परचेस करे तो जब भी आप इस।

सप्लिमेंटेशन को परचेस करते है आपको यह ध्यान में रखना है।

की उसका जो सॉल्ट।

है वो मिथाइलकोबालमीन यानी की मैं को होना चाहिए क्योंकि विटामिन बी 12 की यही फॉर्म है जो की नैचरल है और विटामिन बी 12 की। इसी नैचरल फॉर्म को हमारी बॉडी बहुत ही आसानी से एक्सेप्ट कर लेती है। इसके अलावा विटामिन बी 12 के।

बहुत सारे।

सप्लिमेंटेशन मार्केट में अवेलेबल हैं।

जो कि।

सिंथेटिक फार्म के वाइटमिन बी 12 होते हैं, जिनका प्रयोग हमारी बॉडी के लिए अच्छा नहीं माना गया है।

क्योंकि काफी सारी स्टडीज़ में ये देखा गया है कि अगर आप सिंथेटिक फार्म का वाइटमिन बी 12 लेते हैं।

तो उससे किडनी।

प्रॉपर्ली काम नहीं करती है और वो फ्यूचर में जाकर किडनी को नुकसान पहुंचा सकता है। तो जब भी आप विटामिन बी 12 का सप्लिमेंटेशन परचेस करे तो यही ध्यान रखें कि वह नैचरल फॉर्म होनी चाहिए। यानी की मिथाइलकोबालमीन यानी की मैं को बेल्लम इन्फॉर्म ही होनी चाहिए।

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